"आख़िरी मुलाक़ात"
जून 2024 का एक वह शाम, जब आसमान बादलों से घिरा हुआ था और दिल उम्मीदों से। पहली बार मैंने उससे इंस्टाग्राम पर बात की थी—एक अनजानी, लेकिन बेहद दिलचस्प लड़की। बातें इतनी दिलचस्प थीं कि लगा, वक्त थम गया हो। उसने अपने सपनों का जिक्र किया था—फैशन डिजाइनर बनना, अपना खुद का ब्रांड खड़ा करना। उसके शब्दों में उसकी ख्वाहिशें झलकती थीं, और उसकी आवाज़ में वो सच्चाई थी, जो किसी दिल को मोह ले। लेकिन, दो दिन बाद उसने मुझे ब्लॉक कर दिया।
मैं हतप्रभ था। बिना किसी कारण, बिना किसी झगड़े के, वह यूं गायब हो गई जैसे रेत मुट्ठी से फिसल जाती है। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। एक महीने बाद फिर से बात शुरू हुई। शायद यह किस्मत का खेल था या उसकी भूल। वह लौटी, और इस बार सिर्फ स्क्रीन पर नहीं, हकीकत में। हमारी पहली मुलाकात में उसकी झलक मेरी हर कल्पना से परे थी—लंबे, घुंघराले बाल, जो किसी बगावती कविता का रूप लगते थे, आंखें जो हर सवाल का जवाब लिए थीं, लेकिन खुद ही एक पहेली थीं।
उसकी जिंदगी के ख्वाब बड़े थे, लेकिन वह खुद एक उलझी हुई किताब की तरह थी, जिसे पढ़ना जितना मुश्किल था, उतना ही खूबसूरत भी। हम मिले थे, जैसे दो अधूरी कहानियां अचानक एक मोड़ पर आ मिलें। वो शाम बहुत खास थी। लेकिन हर खुश कहानी के पीछे एक दर्द छिपा होता है, जो वक्त के किसी मोड़ पर सामने आ ही जाता है।
आखिरी बार हम एक छोटे से कैफे में मिले थे। सामने की मेज पर दो शीशे की बोतलों में कोल्ड कॉफी रखी थी। वह अपने बालों को बार-बार ठीक करती, मानो अपने जज़्बातों को छिपाने की कोशिश कर रही हो। उसकी आवाज में हल्की सी कांप थी, जैसे कोई तूफान दबे पांव दस्तक दे रहा हो। उसने धीरे से कहा, "ये आखिरी मुलाकात है। मैं कोशिश करूंगी कि तुमसे उम्र भर दोबारा मुलाकात न हो।"
मैंने कुछ कहना चाहा, पर शब्द मेरे गले में अटक गए। मेरे अंदर एक तूफान उमड़ रहा था, लेकिन बाहर सिर्फ खामोशी थी। उसकी आंखें नम थीं, लेकिन वो हर आंसू को जबरन रोक रही थी।
"क्यों?" मैंने आखिरकार पूछा।
उसने नज़रें उठाईं, और कहा, "क्योंकि तुम वह हो, जिसे मैं कभी भूल नहीं पाऊंगी। और हर वो चीज़ जिसे मैं दिल में रखूं, मुझे कमजोर बना देती है।"
हमारी दुनिया अलग थी। उसके पास सपनों का आकाश था, और मैं सिर्फ जमीन था। उसे उड़ान भरनी थी, और मैं नहीं चाहता था कि उसकी उड़ान में कोई बोझ बनूं। लेकिन दिल की हर बात इतनी आसान नहीं होती। उसने बोतल से एक घूंट लिया और कहा, "याद रखना, कुछ लोग अपनी कहानियों को कभी मुकम्मल नहीं कर पाते। हम वही हैं।"
वो उठी, और मैं चाहता था कि वक्त थम जाए। लेकिन वक्त किसी के लिए नहीं थमता। वह चली गई, और मैं उसे जाते हुए देखता रहा। मेरे अंदर कुछ टूट गया था।
उस दिन के बाद मैं कई बार उस कैफे गया, लेकिन वह कभी नहीं लौटी। शीशे की बोतलों में जो कोल्ड कॉफी थी, वह धीरे-धीरे खाली हो गई, लेकिन मेरे दिल की यादें हमेशा भरी रहीं। उसकी आंखों की नमी, उसके सपनों की चमक, और उसके जाने का वह आखिरी पल—सब कुछ हमेशा के लिए मेरे साथ रह गया।
कुछ मुलाकातें अधूरी होती हैं, लेकिन वो अधूरी मुलाकातें ही हमारे दिलों को सबसे ज्यादा गहराई देती हैं। शायद वो कभी अपने सपनों को पूरा कर लेगी, और मैं हमेशा उस शाम की यादों में खोया रहूंगा, जब उसने अपनी आखिरी कोल्ड कॉफी मुझे पिलाई थी, और कहा था—"ये आखिरी मुलाकात है।"
~ सौरभ
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